ऐसे हटाएंगे अंतरिक्ष में तैर रहा हजारों टन कबाड़
उपग्रह की दौड़ ने अंतरिक्ष (space) में उपग्रहों का कबाड़ (satellite junk) बढ़ा दिया है। अवधिपार (expired) सैकड़ों उपग्रह कबाड़ बनकर घूम रहे हैं, इनमें अंतरिक्ष यात्रियों (astronaut) द्वारा छोड़े उपकरणों को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या लाखों में हो जाएगी, जो सक्रिय उपग्रह (active satellite) के लिए बड़ा खतरा हैं।
ब्रह्मांड की अनंत गहराइयों से रहस्य सुलझाने और उपग्रही सूचनाओं के कारण आज अंतरिक्ष (space object) में हजारों की संख्या में उपग्रह चक्कर लगा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक 10 सेमी से अधिक आकार के 34 हजार ऑब्जेक्ट पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन सहित अन्य उपग्रहों के लिए खतरा बन सकते हैं। इस वक्त पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों (scientist) के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है कि अंतरिक्ष में मौजूद करीब 9 हजार टन कचरे को अंतरिक्ष से कैसे हटाया जाए?
ये तरीके प्रस्तावित हैं अंतरिक्ष को स्वच्छ करने के
-रोबोटिक यंत्रों से इकट्ठा करेंगे : यूरोपीय एजेंसी डीऑर्बिट मिशन के माध्यम से पृथ्वी से 800 से एक हजार किमी ऊपर कक्षा में मलबे की तलाश करेगा। इसके बाद जाल, हार्पून और रोबोटिक यंंत्रों से उन्हें एकट्ठा किया जाना प्रस्तावित है।
-पृथ्वी के करीब लाकर नष्ट करेगा : जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने एक इलेक्ट्रॉडायनामाइट टीथर के उपयोग का प्रस्ताव दिया है, जो अंतरिक्ष के मलबे की गति को धीमी कर पृथ्वी के करीब लाएगा और फिर जलाकर नष्ट कर देगा।
-नेट के साथ एकत्र करना : ये विचार काफी पुराना है। इसमें नैनोसैटेलाइट्स का एक नेटवर्क होगा, जिसमें तीन किलोमीटर लंबा एक बिजली चलित टेप ऑब्जेक्ट्स को तलाश कर उसे जाल में ले आएगा।
-अंतरिक्ष से बाहर करना : क्लीनस्पेस वन तकनीक के माध्यम से स्विस जंबो जेट निष्क्रिय ऑब्जेक्ट्स को कक्षा से बाहर ले जाएगा।
फैक्ट फाइल
34 हजार डैड ऑब्जेक्ट पृथ्वी की कक्षा में दस इंच से बड़े हैं
05 लाख निष्क्रिय ऑब्जेक्ट घूम रहे हैं चार इंच से छोटे
75 सौ टन वजन है इन ऑब्जेक्ट्स का अनुमानित
1957 सक्रिय उपग्रह हैं अंतरिक्ष में भारत के 54 पिछले वर्ष तक
ब्रह्मांड की अनंत गहराइयों से रहस्य सुलझाने और उपग्रही सूचनाओं के कारण आज अंतरिक्ष (space object) में हजारों की संख्या में उपग्रह चक्कर लगा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक 10 सेमी से अधिक आकार के 34 हजार ऑब्जेक्ट पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन सहित अन्य उपग्रहों के लिए खतरा बन सकते हैं। इस वक्त पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों (scientist) के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है कि अंतरिक्ष में मौजूद करीब 9 हजार टन कचरे को अंतरिक्ष से कैसे हटाया जाए?
ये तरीके प्रस्तावित हैं अंतरिक्ष को स्वच्छ करने के
-रोबोटिक यंत्रों से इकट्ठा करेंगे : यूरोपीय एजेंसी डीऑर्बिट मिशन के माध्यम से पृथ्वी से 800 से एक हजार किमी ऊपर कक्षा में मलबे की तलाश करेगा। इसके बाद जाल, हार्पून और रोबोटिक यंंत्रों से उन्हें एकट्ठा किया जाना प्रस्तावित है।
-पृथ्वी के करीब लाकर नष्ट करेगा : जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने एक इलेक्ट्रॉडायनामाइट टीथर के उपयोग का प्रस्ताव दिया है, जो अंतरिक्ष के मलबे की गति को धीमी कर पृथ्वी के करीब लाएगा और फिर जलाकर नष्ट कर देगा।
-नेट के साथ एकत्र करना : ये विचार काफी पुराना है। इसमें नैनोसैटेलाइट्स का एक नेटवर्क होगा, जिसमें तीन किलोमीटर लंबा एक बिजली चलित टेप ऑब्जेक्ट्स को तलाश कर उसे जाल में ले आएगा।
-अंतरिक्ष से बाहर करना : क्लीनस्पेस वन तकनीक के माध्यम से स्विस जंबो जेट निष्क्रिय ऑब्जेक्ट्स को कक्षा से बाहर ले जाएगा।
फैक्ट फाइल
34 हजार डैड ऑब्जेक्ट पृथ्वी की कक्षा में दस इंच से बड़े हैं
05 लाख निष्क्रिय ऑब्जेक्ट घूम रहे हैं चार इंच से छोटे
75 सौ टन वजन है इन ऑब्जेक्ट्स का अनुमानित
1957 सक्रिय उपग्रह हैं अंतरिक्ष में भारत के 54 पिछले वर्ष तक
34 हजार डैड ऑब्जेक्ट पृथ्वी की कक्षा में दस इंच से बड़े हैं
05 लाख निष्क्रिय ऑब्जेक्ट घूम रहे हैं चार इंच से छोटे
75 सौ टन वजन है इन ऑब्जेक्ट्स का अनुमानित
1957 सक्रिय उपग्रह हैं अंतरिक्ष में भारत के 54 पिछले वर्ष तक
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