जानें दिमाग से दर्द को कैसे घटाया-बढ़ाया जा सकता है!

जानें दिमाग से दर्द को कैसे घटाया-बढ़ाया जा सकता है!

  • चोट लगने पर ऐसे काम करता है दिमाग
  • इंसानों को दर्द होने का एहसास भी होना ज़रूरी है

  • नई दिल्ली। इंसानों का शरीर बिलकुल एक मशीन की तरह होता है। हर एक अंग का अपना खास मतलब और मकसद होता है। कभी आपने सोचा है एक छोटी से चोट से भी दर्द उठता है लेकिन ऐसा होता क्यों है? और क्या इसे दिमाग की मदद से घटाया जा सकता है? इसका जवाब विज्ञान के पास है। वैज्ञानिकों को अध्ययन कर पता चला कि दिमाग की एक तंत्रिका शरीर में उठ रहे दर्द को कम ज़्यादा करने के लिए ज़िम्मेदार होती है। ये तंत्रिका बिलकुल ताप नियंत्रण करने वाली प्रणाली जैसे काम करती है।
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    चोट लगने पर ऐसे काम करता है दिमाग
    अमरीका के नेशनल सेंटर ऑफ कॉम्पलीमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ की वैज्ञानिक यारिमार कारासकिलो ने अपने अध्ययन के आधार पर बताया कि, दिमाग के मौजूद सेरेब्रम के अंदर एमिग्डाला पाया जाता है जो दर्द को घटाने बढ़ाने का काम करता है। लगभग हर अध्ययन की तरह ये अध्ययन भी चूहों पर ही किया गया। शोध में देखा गया कि ऐसा नहीं है कि पूरी तरह से एमिग्डाला ही दर्द को कम करने का काम करता है। इसे पूरी तरह से निकाल भी दिया जाए तो शरीर में रक्षात्मक दर मौजूद रहता है। अगर आपने गौर किया हो तो जब हमें चोट लगती है और हम तनाव लेने लगते हैं तो दर्द और बढ़ जाता है। वहीं अगर हम चोट लगने पर अपना ध्यान कहीं और लगाते हैं तो दर्द का एहसास कम हो जाता है।
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    दर्द क्यों है ज़रूरी?
    जैसा की हमने आपको बताया कि शरीर में दिए सभी अंगों का अपना-अपना महत्त्व होता है वैसे ही इंसानों को दर्द होने का एहसास भी होना ज़रूरी है। दर्द का एहसास होने पर हम मदद मांगते हैं और समय रहते इलाज होने से जान बच जाती है। जो लोग चोट और घाव को गंभीरता से नहीं लेते उनकी समय से पहले ही मौत हो जाती है।

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